Pharma and farming

 

🌾 Pharma and Farming Together


“कीटनाशक: फायदे और नुकसान – एक ज़मीनी चर्चा”

(लेखक: नवदीप शर्मा – Pharma में 10 साल का अनुभव, और खेती के प्रति जुड़ाव)

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👋 भूमिका:

"भाई, आजकल के खेतों में दवाई ज़रूरी है क्या?"

"अरे हाँ, पर सोच के इस्तेमाल करनी चाहिए… कीटनाशक दवाई भी तो दुधारी तलवार है ना!"


खेती और फार्मा—दोनों की  क्यों न इस विषय पर एक खुली चर्चा की जाए।

हाल ही में मैंने AIIMS, दिल्ली में आयोजित Dhanuka Agritech द्वारा किए गए एक सेमिनार में भाग लिया – विषय था "Crop Protection Chemicals and Cancer". वहां जो सुना-समझा, उसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया।



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🧪 कीटनाशक: ज़रूरत या ज़हर?

खेती में कीटनाशक दवाओं का प्रयोग पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़ा है। कारण हैं:


1-फसल को कीटों से बचाना

2-उत्पादन बढ़ाना

3-आर्थिक नुकसान कम करना


पर सवाल ये है – क्या ये हमेशा फायदेमंद हैं?

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✅ कीटनाशकों के फायदे:


1. उच्च उत्पादन: कीटनाशक से फसल की रक्षा होती है और पैदावार बढ़ती है।

2. भोजन की सुरक्षा: अनाज की क्वालिटी बनी रहती है।

3. आर्थिक फायदा: नुकसान कम, मुनाफा ज़्यादा।

4. सुपर स्पेशल दवाइयाँ: कंपनियाँ अब टारगेटेड कीटनाशक बना रही हैं।

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❌ कीटनाशकों के नुकसान:


1. स्वास्थ्य पर असर: कैंसर, त्वचा रोग, और साँस की समस्याएँ हो सकती हैं।

2. ज़मीन की गुणवत्ता: उर्वरता घटती है।

3. पानी प्रदूषण: नदियों और तालाबों में रसायन घुल जाते हैं।

4. कीट प्रतिरोधकता: कीड़े धीरे-धीरे दवा के प्रति असरहीन हो जाते हैं।

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👨‍⚕️ AIIMS Seminar की बातें:

डॉ. राकेश मिश्रा (AIIMS Oncologist):

"कुछ कीटनाशकों में ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं।"


श्री आर. जी. अग्रवाल (Chairman, Dhanuka Agritech):

"हमारी जिम्मेदारी है किसानों को जागरूक करें कि कौन सी दवा, कितना और कैसे इस्तेमाल करनी चाहिए।"


डॉ. नोरा फ्रेंकलिन (International Toxicologist, Netherlands):

"भारत में awareness programs की कमी है। यूरोप में किसान ट्रेनिंग पाते हैं – भारत को भी यही मॉडल अपनाना होगा।"


डॉ. ली फुंग (Environmental Health Expert, Singapore):

"हमें long-term exposure के प्रभावों पर ध्यान देना होगा, खासकर बच्चों और महिलाओं पर।"


Dr. James Carter (Cancer Researcher, USA):

"कीटनाशकों और कैंसर के बीच कुछ प्रकार के संभावित संबंध देखे गए हैं, लेकिन डेटा की और ज़रूरत है।"


Prof. Anna Müller (Germany, Environmental Scientist):

"सस्टेनेबल खेती की दिशा में जाना अब विकल्प नहीं, ज़रूरत है।"

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🌿 जैविक विकल्प और समाधान:


1-नीम आधारित कीटनाशक

2-जैविक फॉर्मूले (Bio-pesticides)

3-फसल चक्र (Crop Rotation)

4-Integrated Pest Management (IPM)

5-किसान प्रशिक्षण और जनजागरूकता

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📢 सरकार और कंपनियों की भूमिका:

सरकार:

1-Subsidy + Training

2-स्कूल स्तर पर कृषि शिक्षा

3-कीटनाशकों पर usage guide अनिवार्य


🏭Companies (जैसे Dhanuka):



1-रिसर्च-बेस्ड समाधान

2-फील्ड लेवल समझाइश

3-ऐप/हेल्पलाइन सुविधा

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💭 निष्कर्ष:

दवा ज़रूरी है, पर सही मात्रा में और सही जानकारी के साथ।

Pharma की तरह खेती में भी “Overdose” जानलेवा हो सकता है।

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✍️ लेखक से – एक व्यक्तिगत अनुभव:

Pharma में dosage समझने जितनी मेहनत हमें खेती में भी करनी होगी।

खेती और फार्मा साथ-साथ चल सकते हैं – बस जागरूकता और ज़िम्मेदारी चाहिए।

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आओ मिलकर खेती और फार्मा दोनों को सुरक्षित, स्मार्ट और टिकाऊ बनाएं।

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जय किसान 🚜 | जय विज्ञान 🧬


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